7/20/23

चुप - शांत - सन्न

क्षुब्ध छिन्न विचलित 

मन व्यग्र अनवरत 

व्याकुल प्रति पल 

असहनीय अकल्पनीय 

असहाय शक्तिविहीन 

निराश नाउम्मीद 


हर पल 

हर ओर 

हर ह्रदय 

हर जीव 

है निरीह 

त्राहिमाम 

चहुँ ओर 


क्या ये अंत

आत्मीयता का 

मानवता का 

शर्म हया का 

इंसान का 

इंसानियत का 

या कुछ नहीं 


चुप - शांत - सन्न 


चक्षु बंद 

आत्म चिंतन  

विराम 

सब क्षणभंगूर

अत्यंत शांत 

आनंद 


माया दुःख जननी 

अहंकार कष्ट कारक

आसक्ति दुःख दायक 

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